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सेब तुड़ान के बाद पौधों की देखभाल क्यों …और क्या करें ?

जैसे ही हम फसल तुड़ान के अंत की ओर बढ़ते हैं, और मौसम में भी हम परिवर्तन महसूस करते है जैसे तापमान में गिरावट। अब हमे तैयारी करनी चाहिए अपने पौधों के पोषण भंडार की। इसको बढ़ावा देने के लिए, सेब तुड़ान के तुरंत बाद अपने बगीचों में उर्वरक योजना के बारे में सोचने का समय है। ( उर्वरकों का मिट्टी के जरिए आवेदन व् पत्तों के जरिए आवेदन )

फल तुड़ान और पत्ती के गिरने के बीच का वक़्त कम होता है लेकिन यह सही पोषण देने के लिए एक महत्वपूर्ण अवधि है। पेड़ ने स्वाभाविक रूप से क्या किया और क्या कर रहा है उसके साथ काम करके महत्वपूर्ण पोषक तत्वों को अधिकतम प्रभाव में लाने का यह सुनहरा मौका है; पत्तियों से पोषक तत्वों और कार्बोहाइड्रेट को सर्दियों के निष्क्रियता की तैयारी में कलियों और वुडी ऊतक में वापस स्थानांतरित करना।

शुरुआती सीजन की वृद्धि क्षमता पौष्टिक एकाग्रता और कार्बोहाइड्रेट रिजर्व द्वारा निर्धारित की जाती है जो पत्तियों के गिरने पर कलियों में बनाई गई हैं। सेब तुड़ान के बाद के बाद अपने पौधों को पोषक योजना को लागू करने की आवश्यकता होती है।

पोषक तत्वों को अधिकतम करने के लिए पत्तियां जितनी ज्यादा हो उतने पूरी तरह से काम करने में सक्षम होती है। जितना जल्दी हो सके उर्वरकों को मिट्टी के जरिए आवेदन व् पत्तों के जरिए आवेदन करें।

जड़ों की गतिविधि फसल तुड़ान के बाद भी बहुत ज्यादा सक्रिय होती है, इसलिए तुड़ान के बाद जितनी जल्दी हो सके प्रत्येक फलों की किस्मों को पोषण उर्वरक दें।

मिट्टी के जरिए आवेदन – G5 Granules + V Rich (25 किलोग्राम + 10 किलोग्राम V Rich) का मिश्रण बनाए और 500 ग्राम प्रति फलदार पौधे में डालें छोटे पौधे में उनकी उम्र के हिसाब से घटाएं।
पत्तों के जरिए आवेदन – ब्रिसिल 1.5- -2 ग्राम प्रति लीटर।

अधिक जानकारी के लिए हिमाचल फ्रूट्स आउटलेट पर यह हेल्पलाइन पर संपर्क करें।